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Volunteer or Apply for Teacher Fellowship

Volunteer or Apply for Teacher Fellowship at Adharshila Learning Centre for the session 2017 – 18 Beginning October-2017 We ...

Adharshila Learning Centre is a unique school for adivasi children in Madhya Pradesh that views education as a tool for liberation...and a place of fun.

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Friday, March 21, 2014

चूल चलना

चूल चलने  का अर्थ है गरम अंगारों पर नंगे पैर चलना। बड़वानी जि़ले के गाॅंवों में होली के दूसरे दिन से लगने वाले गाॅंव के मेलादों  - छोटे मेले - में एक प्रथा होती है चूल चलना ।  चूल चलना इन मेलादों का विशेष आकर्षण  होता है।  आदिवासी महिलाएं अंगारों पर चूल चलते हुए। फ़ोटो - शेरशिंह सिंगोरिया  चूल चलने  के बारे में यह जानकारी, बड़वानी जि़ले के ग्राम देवली के सुमजी पिता कोयला डूडवे, उम्र- 70 वष,...

Tuesday, March 18, 2014

होली की लोक कथाओं में आर्य पूर्व संस्कृतियों का योगदान

   जीतेन्द्र वसावा, तेजगढ़, गुजरात श्री जीतेन्द्र वसावा, आदिवासी एॅकैडमी, तेजगढ़, गुजरात, में प्रोफ़ेसर हैं। इस लेख में आज की प्रचलित संस्कृतियों को देखने का नया नज़रिया दे रहे हैं। इस विषय पर और बहुत शोध की ज़रूरत है व चर्चा की गुंजाइश है। इस लेख को यहाॅं देने का आशय है कि इस विषय पर चर्चा को आगे बढ़ायें। पूरे देश में होली के उत्सव के साथ जुड़ी कई मान्यतायें हैं, जैसे, बालक्रीड़ा, काममय प्रेम, अशलील गीत। होली से जुड़ी...

Saturday, March 15, 2014

हुवूबाई (होली) की कहानी

सुरबान पिता लालसिंह भिलाला , कामत फलिया, ग्राम ककराना, जि़ला आलीराजपुर, से सुनकर, केमत  गवले ने लिखी। जैसे मैने सुनी है..जितनी मुझे याद है। भूल चूक माफ़ करना। स्वर्ग में इसका मायका। बाप का नाम कालीपला भूरिया बाण। माॅं, बाण काली पलास। हुवू बाई बहुत दुःख में थी। खाना नहीं मिलता था। कपड़े नहीं थे। माॅं बाप नें सोच लिया था कि यह लड़की ठीक नहीं है। किस्मत वाली नहीं है। इसलिये माता पिता ने ठीक से नहीं पाला। उसकी शादी नहीं हो रही थी। वो...

Tuesday, March 11, 2014

भंगोरिया या भंग्रियू

Pic- Rohit Jain ये कहानियाॅं जामसिंह पिता मटला ग्राम लखनकोट, सुरबान ग्राम ककराना, शकर तड़वला, आलीराजपुर, मुकेश डुडवे बड़वानी आदि लोगों से पूछ कर संकलित की गई हैं। युवानिया पत्रिका व आधारशिला शिक्षण केन्द्र द्वारा आदिवासी संस्कृति को समझने के लिये लोक कथाएॅं व किंवदंतियाॅं एकत्रित की जा रही हैं। भंग्रिया शब्द कहाॅं से आया होगा? इस शब्द व इस मेले/हाट को लेकर अनेक प्रकार की भ्राॅंतियाॅं हैं। अधिकतर आदिवासियों...