
चूल चलने का अर्थ है गरम अंगारों पर नंगे पैर चलना।
बड़वानी जि़ले के गाॅंवों में होली के दूसरे दिन से लगने वाले गाॅंव के मेलादों - छोटे मेले - में एक प्रथा होती है चूल चलना । चूल चलना इन मेलादों का विशेष आकर्षण होता है।
आदिवासी महिलाएं अंगारों पर चूल चलते हुए। फ़ोटो - शेरशिंह सिंगोरिया
चूल चलने के बारे में यह जानकारी, बड़वानी जि़ले के ग्राम देवली के सुमजी पिता कोयला डूडवे, उम्र- 70 वष,...